सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने रिटायर्ड शिक्षिका से वसूले 51 लाख, टैरर फंडिंग की भी जांच शुरू
भिलाई से इंजीनियर को गिरफ्तार कर ले गई ग्वालियर पुलिस
भिलाई/ग्वालियर |ग्वालियर पुलिस ने एक सेवानिवृत्त शिक्षक से 51 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में भिलाई के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कुणाल जयसवाल को पांच दिन की रिमांड पर लिया है। शहर के सबसे पॉश इलाके नेहरू नगर में रहने वाले कुणाल दुबई में बिटकॉइन ट्रेडिंग कंपनी के मालिक हैं। ऐसे में पुलिस को शक है कि इस कंपनी के जरिए काले धन को सफेद किया जाता है. इसके अलावा पुलिस श्रीनगर में बैंक खातों में एक करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के कारण आतंकी वित्तपोषण के पहलू पर भी गौर कर रही है। पिछले माह 13 मार्च को सेवानिवृत्त शिक्षिका आशा भटनागर (72 वर्ष) निवासी ग्वालियर। आरोपियों ने फोन कर ईडी और सीबीआई छापे की धमकी दी. इसके लिए लड़कियां अपने नंबरों से अश्लील मैसेज भेजती हैं। उनके शिक्षक से उनके खाते में 51 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये थे. धोखाधड़ी की रकम में से 9.50 लाख (42 हजार दिरहम) यूएई के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। इसी अकाउंट के आधार पर पुलिस आरोपी कुणाल जयसवाल तक पहुंची. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि धोखाधड़ी से प्राप्त 51 लाख रुपये यूएई खाते सहित 25 अलग-अलग खातों में स्थानांतरित किए गए थे, जिनमें से अधिकतम 46 लाख रुपये श्रीनगर में पंजाब नेशनल बैंक खाते में स्थानांतरित किए गए थे। एक ही दिन में विभिन्न माध्यमों से 1.08 करोड़ रुपये एक ही खाते में पहुंच गए। इसे तुरंत विभिन्न खातों में स्थानांतरित कर दिया जाता है। इसकी वजह से पुलिस ने अपनी जांच का फोकस टेरर फंडिंग की ओर कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में कंपनी रजिस्टर्ड कराने के मिले सबूत
ग्वालियर पुलिस के मुताबिक, आरोपी कुणाल के पास से पुलिस को छत्तीसगढ़ में एमएसएमई से रजिस्टर्ड एक कंपनी के दस्तावेज मिले हैं. ऐसे मामलों में, आरोपी धन को काले से सफेद करने के लिए ऐसी छोटी कंपनियों का उपयोग करने की संभावना रखते हैं। ऐसी भी संभावना है कि ये कंपनियां सिर्फ कागजों पर ही चलेंगी. ऐसे में पुलिस इन कंपनियों के अस्तित्व की जांच में जुट गई है
साइबर से जुड़ी बारीकियों को बखूबी जानता है मास्टर माइंड
जांच अधिकारियों के मुताबिक आरोपी कुणाल ने एमसीए (मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन) इन आईटी (इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) का कोर्स किया है। इसकी वजह से साइबर से जुड़ी बारीकियों को जानता है। फेक बैंक अकाउंट खोलना और उसका उपयोग करना बखूबी जानता था। इसके अलावा उसके कब्जे से बड़ी संख्या में दूसरे लोगों के नाम के आधार कार्ड, एटीएम कार्ड, पासबुक, चेकबुक, मोबाइल, लैपटॉप और आईपैड बरामद किए गए हैं।
पूछताछ में रैकेट के दूसरे सदस्यों की जुटाएंगे जानकारी
कोर्ट से आरोपी कुनाल की 8 अप्रैल तक की पुलिस कस्टडी मिल गई है। अब आरोपी से गैंग में शामिल अन्य सदस्यों के बारे में पता लगाया जाएगा। इसके अलावा बैंक खातों से पैसा कहां-कहां गया। इसकी भी जांच होगी। धर्मवीर सिंह, एसपी ग्वालियर