जीवनी/कहानी

गुस्से पर काबू कैसे पाएं?

गुस्से पर काबू कैसे पाएं?

एक छोटा लड़का था जिसे बहुत गुस्सा आता था। एक दिन, उनके पिता ने उन्हें कंचों से भरा एक थैला दिया और कहा, "जब भी तुम्हें गुस्सा आए, तो थैले से एक कंचा निकालकर अपने सामने बोर्ड पर फेंक देना।" पहले दिन बच्चे ने बोर्ड पर 37 कंचे फेंके। हालाँकि, धीरे-धीरे उन्होंने अपने गुस्से पर काबू पाना सीख लिया। कुछ हफ्ते बाद, वह अपने पिता के पास गया और कहा, "आज, मुझे एक भी कंचा नहीं फेंकना पड़ा।" अब, उसके पिता ने उससे कहा, "अब से, जब भी तुम्हें गुस्सा न आए, तो बोर्ड से एक कंचा निकालकर अलग रख देना।" एक दिन, बोर्ड पूरी तरह खाली था। लड़के ने ख़ुशी से अपने पिता को इसके बारे में बताया। उसके पिता उसे बोर्ड के पास ले गये और बोले, "देखो इन कंचों ने बोर्ड को कितना नुकसान पहुँचाया है।" हमारे क्रोध से होने वाला नुकसान भी वैसा ही है। जिस तरह इस बोर्ड की कभी भी पूरी तरह से मरम्मत नहीं की जा सकती, उसी तरह क्रोध से हुई क्षति को भी हमेशा ठीक नहीं किया जा सकता।"

 
 

सीख:

  • गुस्से से की गई हर शुरुआत का अंत शर्मिंदगी से होता है।
 
  • यह कहानी क्रोध प्रबंधन का महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाने का एक सुंदर उदाहरण है। कहानी मूल रूप से दिखाती है कि थोड़े से फीडबैक से गुस्से को नियंत्रित किया जा सकता है। बच्चे के माध्यम से, उसका गुस्सा उसकी कमजोरी या निहित नहीं था, बल्कि उसके मूल्यांकन और भावनाओं ने उसे खुद को विकसित करने में मदद की।
 
  • यह हमें सिखाता है कि क्रोध से कैसे निपटना है और यह दूसरे व्यक्ति को कैसे प्रभावित करता है। गुस्सा किसी भी स्थिति में हमारे समग्र कल्याण को कम करने में मदद कर सकता है, और यह हमें एक स्वस्थ और समृद्ध मोड़ लेने में मदद कर सकता है।